- अपनो के विछोह से /
- बंधे जिनके मोह से /
- उनके अवसान से /
- जीव के प्रयाण से /
- दुख की गहराई है /
- याद बहुत आई है /
- जितना मैं भुलाता हूँ /
- भूल नहीं पाता हूँ /
- मुझ पे उनका साया था /
- हाथों से मुझे खिलाया था /
- धूप में कुम्हलाता हूँ /
- सोच नहीं पाता हूँ /
- कैसे अब जी पाऊँगा /
- नहीं भुला पाऊँगा /
- नहीं भुला पाऊँगा, नहीं भुला / पाऊँगा
094-251-32060
22 comments:
वह गुरु जी दादा के प्रति बहुत अच्छा लिखा है आपने
वह प्रदीप जी बहुत गंभीर भावः
बहुत बढ़िया आंतरिक भावनाएं परिलक्षित होती हैं
आपका स्वागत है मेर ब्लॉग पर
very nice
keep writing sir
आपकी इस रचना से आपके और आपके परिवारर की सम्पूर्ण छवि परिलक्षित हो रही है .. ...
मेहुल गाँधी
दुख की गहराई है /
याद बहुत आई है /
जितना मैं भुलाता हूँ /
भूल नहीं पाता हूँ /
" sach mey dukhee dil ke pukar hai...smvaidnsheel.."
Regards
प्रदीप जी बुजूर्गों की छावं ही संयुक्त परिवारों को बचा कर रखे हुए है। अच्छा लिखा आपने।दीवाली की शुभकामनाएँ ।
Bahut achha likha hai aapne. bujurgon ki chhanv ka jo mahtav nahin samajh rahe hain ve bahut dukh paa rahe hain. aaj ekaki parivaron ki kya halat hai, kisi se chhupi nahi hai. bujurgon ki chhanv men jeevan kaise aage badhta chala jata hai pata bhi nahin chalta.
आपका स्नेह ओर आदर दीखता है इस रचना में
achche dhang se smaran kiya hai
वह प्रदीप जी बहुत गंभीर भावः
भैया जी,
बहुत अच्छे, अब तो आपको मोबाईलिया है. आगे भी संवाद जारी रहेगा. मेरा नया पोष्ट " विस्मृतियाँ " पढियेगा. आपकी टीका का इंतजार रहेगा.
मुकेश कुमार तिवारी
बहुत सुंदर रचना, प्रभावी और गंभीर भाव!
अच्छा लिखा है,प्रभावी और गंभीर.
बहुत ही सुन्दर रचना, आप की रचना पढ कर मेरी आखॊ मे मेरा बचपन झुल गया जब मै अपने पिता जी की गोद मै बेठाता था, तो कुछ ऎसा ही महसुस करता था
बहुत अच्छा िलखा है आपने । भाव की दृिष्ट से किवता बडी प्रभावशाली है ।ं
http://www.ashokvichar.blogspot.com
is rachna me aapka sneh saaf jhalakta hai! bahut sundar
भावपूर्ण पंक्तियाँ.
नहीं भुला पाऊँगा ,बहुत खूब भाई साहब ,आत्मीय है आप की रचना
दिल को छु लेने वाली रचना
बहुत अच्छे
रचना ऐसी ही होनी चाहिए जो दिल को छू जाए ।
बधाई ।
bhai pradeep ji aapne mere dil ko chhoo lene wali bat likhi hey kaisey aabhar vyakt karoo. bada marmik likha hey . dhanyavad
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