Monday 20 October, 2008

मुम्बई के लिए पार पत्र

  • हमारे एक मित्र बड़े चहक रहे थे 
  • यात्रा के सपनों से महक रहे थे  
  • बोले आ रहा है त्योहारी अवकाश 
  • मुंबई में देखेंगे दीपावली का प्रकाश  
  • कार्यक्रम बनाया है करके गहन विचार 
  • जा रहे हैं शीघ्र ही हम मुंबई सपरिवार  
  • तैयारी पूरी है सब हो गई है आसानी  
  • यात्रा आरक्षण भी पुष्ट है कोई नही है परेशानी  
  • भली भांति पहुँच कर खूब घूमेंगे  
  • जुहू पर नहायेंगे पीयेंगे नाचेंगे झूमेंगे  
  • मैंने कहा मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं
  • परन्तु मन में खटक रही एक बात है  
  • मुम्बई जाने से पूर्व मुम्बैई के लिए पार पत्र बनवाइए 
  • इस पासपोर्ट पर मुंबई के राज साहेब से अनुमति मंगवाइये
  •  
  • मेरी इस सलाह पर अमल करना है सावधानी 
  • तभी यह सम्भव है कि न हो जन माल कि हानि
  • उत्तर भारतीय का मुंबई में बिला-इजाज़त प्रवेश खतरनाक है 
  • क्योंकि मुम्बैई जिनके बाप की है उनकी ही वहाँ धाक है  
  • आप पर्यटक हो अथवा हो परीक्षार्थी 
  • मुम्बई की हवा हो गई है बहुत स्वार्थी 
  • वहां आपको गर शान्ति से घूमना और मज़े उठाना है  
  • तो हवा के मालिक को सर झुकाकर उनकी अनुमति मंगाना है  
  • प्रदीप मानोरिया २० अक्टूबर २००८

31 comments:

Unknown said...

वाह वाह प्रदीप भाई क्या त्वरित टिप्पणी है
मुंबई की हवा हो गयी है स्वार्थी सुंदर अभिव्यक्ति वर्तमान वातावरण की

seema gupta said...

उत्तर भारतीय का मुंबई में बिला-इजाज़त प्रवेश खतरनाक है
क्योंकि मुम्बैई जिनके बाप की है उनकी ही वहाँ धाक है

" oh aisa kya, bhut khub khee"

Regards

Unknown said...

श्रीमान मानोरिया जी आपको नतमस्तक हो गए हम तो
आप पर्यटक हो अथवा हो परीक्षार्थी
मुम्बई की हवा हो गई है बहुत स्वार्थी
क्या बात है बहुत गज़ब

kar lo duniya muththee me said...

मानोरिया जी
लाज़बाब सम सामयिक टिप्पणी सुंदर गहरी बात

Unknown said...

प्रदीप जी आप सर्स्वतिक ऐ सच्चेउपासक लगते हैं शानदार अभिव्यक्ति

Anonymous said...

रचना का शीर्षक ही बहुत लाज़बाब है
बहुत सामयिक बात कही आपने मुम्बई में यह बहुत बुरा हो रहा है

आपका ब्लॉग बहुत मजेदार है
राकेश मेडतवाल इंदौर

Anonymous said...

VERY NICE IMMEDIATE COMMENT CONGRATULATION AND THANKS

SARITA PURI

Anonymous said...

wah janab

hindustani said...

आप ने अपनी बातो को कविता के रूप में बहूत आछा पिरोया बहूत बहूत बधाई इस सुंदर कविता पर.

डॉ .अनुराग said...

सही है ......खास तौर से परीक्षार्थी वाला

annapurna said...

मुम्बई शहर को लोकप्रियता मिली हिन्दी सिनेमा और विविध भारती के हिन्दी फ़िल्मी गानों से और वही हिन्दी पर मार…

P.N. Subramanian said...

यही स्थितियां बनी रहीं तो भारत के किसी भी राज्य में जाने के लिए वीसा की जरूरत पड़ेगी. बढ़िया लिखा है. आभार.
http://mallar.wordpress.com

अभिषेक मिश्र said...

Aapki isi post ka intejar kar raha tha. Punah bahoot khoob likha hai aapne.Swagat mere blog par bhi.

रंजना said...

वाह व्यंग के रंग में सराबोर कर कितनी सच्ची बात कही आपने.साधुवाद के पत्र हैं आप.बहुत सुंदर कविता है.

महेंद्र मिश्र.... said...

बढ़िया लिखा है. आभार

महेंद्र मिश्र.... said...

बढ़िया लिखा है. आभार

Udan Tashtari said...

बहुत जबरदस्त!!

आनन्द आ गया.

राज भाटिय़ा said...

मजे दार , क्या बात है
धन्यवाद

Smart Indian said...

प्रदीप भाई, बहुत सुंदर और सामयिक, धन्यवाद!

Rajeev gupta said...

अरे यार सर आप तो बहुत ही मजेदार लिखते जा रहे हैं जरी रखिये

Mumukshh Ki Rachanain said...

भाई प्रदीप जी ,
मौकाय- वारदात का बहुत अच्छा प्रयोग करते हैं.
दोस्त पर ही नही राज पर भी व्यंग कर गुजरते हैं.

हमारे एक मित्र बड़े चहक रहे थे
यात्रा के सपनों से महक रहे थे ...........

उधर राज कुछ ज्यादा ही बहक रहे थे
मुंबई उनके बाप की है कह चहक रहे थे

पर अंधा क़ानून भी कुछ करने को कलप रहा था
राज को गिरफ्तार करने को हलफ दे रहा था

दोस्त से कह दो भारत एक है , भ्रमण पर जायें.
जुहू पर बेहिचक नहा, पि, नाच और झूम आंये

चन्द्र मोहन गुप्त

मुकेश कुमार तिवारी said...

प्रदीप जी,

वाह, वाह क्या खूब लिखा है.

बधाई स्वीकरें, और अपनी त्वरित टिप्पणियों से भीगने का मौका दें

मुकेश कुमार तिवारी

दिगम्बर नासवा said...

क्या बात है प्रदीप जी
मोके पर चोट की है...............

सुंदर अति सुंदर

Anonymous said...

Sabse alag. Bilkul guldaste ki tarah. Badhai

स्पंदन said...

आप पर्यटक हो अथवा हो परीक्षार्थी
मुम्बई की हवा हो गई है बहुत स्वार्थी
बहुत ही मजेदार अति सुंदर

BrijmohanShrivastava said...

क्या बात है मनोरिया जी /२० तारीख के बाद कुछ नया नहीं

भूतनाथ said...

आपकी सुख समृद्धि और उन्नति में निरंतर वृद्धि होती रहे !
दीप पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

आपको सपरिवार दीपोत्सव की शुभ कामनाएं। सब जने सुखी, स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें। यही प्रभू से प्रार्थना है।

taanya said...

प्रदीप जी बहुत खूबसूरत चोट है इस राज के राज पर...

taanya said...

aur shukriya aap meri post per aaye mujhe bahut khushi hui..bahut aabhari hui aapke..

हर्ष प्रसाद said...

बहुत सुंदर. ऐसा ही कुछ मैंने भी कहा है. ज़रा तशरीफ़ लायें.