Thursday, 9 October 2008

ताजा समाचार सन्दर्भ -

(१)
  • छोड़ दी क्रिकेट 
  • घड़ी कर दिए विकेट 
  • सफलता भी चूमी  
  • देखी हार की भूमि  
  • शर्ट लहराई
  • झंडे सी फहराई 
  • चली जब तक चली  
  • सौरभ गांगुली
  • अब निवृति भली 
  • (२) 
  • क़र्ज़ से परेशान 
  • सूखे से हैरान 
  • आत्म हन्ता किसान
  • मेरा भारत महान  
  • टूटता शेयर बाज़ार 
  • भारी मंदी की मार 
  • न रोज़गार न काम  
  • आत्म हन्ता राजाराम 
  • बच्चों की भूख 
  • लाकर बन्दूक 
  • मार ली गोली
  • बुश की जय बोली  
  • रचना प्रदीप मानोरिया

23 comments:

kar lo duniya muththee me said...

वाह सर मज़ा आ गया आप तो त्वरित टिप्पणी देते हैं

Unknown said...

ताज़ा घटना ताज़ी कविता बहुत सुंदर

Anonymous said...

very nice

Anonymous said...

very less words very right thaughts

Anonymous said...

आपकी कविता में बहाव के साथ संदेश भी होता है बधाई निरंतरता के लिए मुझे आज ही मालूम हुआ की बिना जी मेल की आई डी के भी तिपाप्नी डी जा सकती है

विजय गौड़ said...

सुन्दर है प्रदीप जी।

Udan Tashtari said...

वाह वाह!!
बहुत खूब!! :)

विजय दशमी पर्व की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

शोभा said...

वाह बहुत बढ़िया क्षणिकाएं लिखीं हैं. बधाई

makrand said...

बच्चों की भूख
लाकर बन्दूक
मार ली गोली
बुश की जय बोली
bahut acche
regards

प्रमोद said...

Bahut achche manoriya ji, likhte rahen yun hi/blog ki duniya me dikhte rahen yu hi.

आत्महंता आस्था said...

Atmhanta hai/ har koi yahan/ apne vyaktitv ka/ apne krititv ka/ hatyara-atmhanta. achchha likhte hain aap aur lagatar likhte hai, likhte rahen.

रंजन राजन said...

# टूटता शेयर बाज़ार
# भारी मंदी की मार
# न रोज़गार न काम
# आत्म हन्ता राजाराम
...बढ़िया क्षणिकाएं लिखीं हैं. बधाई

राज भाटिय़ा said...

kayaa baat hai

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

bahut achcha kataksh kiya hai aapney. vyangya ka yehi tevr barkarar rakhein.

अभिषेक मिश्र said...

चली जब तक चली
सौरभ गांगुली
अब निवृति भली

Sahi kaha aapne. Achi lagi kavita aapki.

makrand said...

sir naya lika
aiye darbar
regards

seema gupta said...

शर्ट लहराई
झंडे सी फहराई
चली जब तक चली
सौरभ गांगुली
अब निवृति भली
"ha ha ha ye bhee khub rhee'

regards

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

khoobsoorat ananddayini rachna

jyoti saraf said...

badhiya hai nice blog

डॉ .अनुराग said...

वाह वाह!!
बहुत खूब!! :)

BrijmohanShrivastava said...

पहले कविता लिखी या पहले तस्वीर खींची

Anonymous said...

priy pradip.......seen your poems, bahut sunder likh rahen hain badhai

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

bahut khoob!! kam shabdon men badi baat ............

maan gaye .....
shubhkamnaayen