Sunday 5 October, 2008

नैनो की विदाई

  • अब छोड़ के यह सिंगूर . कि जाना मुझको है अब दूर
  • यही नैनो की कहानी है बसा नयनों में पानी है
  • छोड़ के ये बंगाली साया , इसको गुज्जू देश है भाया
  • पहुँच के भुज में बनेगी फ़िर ये सड़कों की जो हूर
  • यही नैनो की कहानी है बसा नयनों में पानी है
  • ममता की निर्ममता भारी , मिष्ट स्वाद को किया है खारी
  • रतन जी टाटा की मजबूरी ,जाना है अब दूर
  • यही नैनो की कहानी है बसा नयनों में पानी है
  • बेटी बंगाल की हुयी पराई , मोदी के घर हुयी सगाई
  • कच्छ देश में उसी वेश में, चमकेगा फ़िर नूर
  • यही नैनो की कहानी है बसा नयनों में पानी है
  • सपना टाटा का बड़ा ही जूना, टूटेगा अब यह कबहू ना
  • कारण टाटा उद्योगों में, रहे सदा ही शूर
  • यही नैनो की कहानी है बसा नयनों में पानी है
रचना प्रदीप मानोरिया ०४-१०-२००८ संपर्क ०९४२५१३२०६०

21 comments:

रंजन राजन said...

क्या बात है.....बढ़िया.....
नवरात्रि की कोटि-कोटि शुभकामनाएं। मां दुर्गा आपकी तमाम मनोकामनाएं पूरी करें। ...यूं ही लिखते रहें और दूसरों को भी अपनी प्रतिक्रियाओं से प्रोत्साहित करते रहें, सदियों तक...

Udan Tashtari said...

बहुत सटीक!!

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

bahut achcha likha hai aapney.

seema gupta said...

यही नैनो की कहानी है बसा नयनों में पानी है
" very well presented, wonderful creation'

regards

Rajeev gupta said...

great sir

Sumit Pratap Singh said...

आपने नैनो की विदाई,

भली-भांति की प्रदीप भाई।

makrand said...

यही नैनो की कहानी है बसा नयनों में पानी है

umne bhi likha neno ke bare me
bahut accha likha he sir
badhai

shelley said...

अब छोड़ के यह सिंगूर . कि जाना मुझको है अब दूर
यही नैनो की कहानी है बसा नयनों में पानी है
bahut khub

piyush said...

chaliye nano to ab aa hee jayegi.....ab vo jyada door nahi hai...

प्रवीण त्रिवेदी said...

टाटा ने राखी हमेशा शान,
इसलिए बने रहेंगे महान|

बधाई!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

sundar rachna, sundar shabd

BrijmohanShrivastava said...

समयानुकूल सटीक अभिव्यक्ति /हम सब की बात नया शुरू किया आज तो नहीं कल पढूंगा

भूतनाथ said...

बहुत सामयीक रचना ! धन्यवाद !

शैली said...

लो मैं भी आ गई आपके ब्लॉग पर।

हिन्दीवाणी said...

मानोरिया के नैन, छीने मन का चैन। अगली कविता पढ़ने को पाठक हैं बेचैन।

makrand said...

sir hum to agye
apka intaza hey nai post pur
regards

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

बसा नयनों में पानी है क्या बात है.....बढ़िया.....समयानुकूल सटीक अभिव्यक्ति है..........

स्पंदन said...

क्या बात है.....बढ़िया.....

Shiv said...

बहुत सुंदर....
नैनों की कहानी और वो भी कविता में.....बहुत शानदार!

दिगम्बर नासवा said...

नेनो की बिदाई
नया रंग लाई
नेनो की कहानी
आप की जुबानी
सबके सामने आई

तीसरा कदम said...

kabhi achha likha....lekin lagta hai nano ka bhavishya achha hi hai.