- ज़िन्दगी में जब कोई अवसाद आता है ।
- माँ तेरी ममता का आँचल याद आता है ॥
- वक्त है बीता बहुत तेरे बिन रह्ते हुये ।
- किन्तु सर पे माँ तेरा ही हाथ आता है ॥
- रहगुज़र में धूप भारी पर नहीं कुम्हला सका ।
- साया ममता का सदा ही साथ आता है ।।
- भूल हो जाये कोई फ़िर बोध हो अपराध का ।
- डाँटना समझाना तेरा माँ याद आता है ॥
- मेरे बच्चे खेलते जब उनकी माँ की गोद में ।
- माँ मुझे बचपन मेरा भी याद आता है ॥
4 comments:
बहुत ही खूबसूरत व उम्दा ।
•ज़िन्दगी में जब कोई अवसाद आता है ।
•माँ तेरी ममता का आँचल याद आता है ॥
.......माँ हर हाल में याद आती है .... इस संसार में माँ की ममता का कोई दूसरा विकल्प नहीं ...
माँ को समर्पित भावपूर्ण रचना के लिए बहुत शुभकामनाएँ
बहुत दिनों बाद आये मानोरिया साहब. इतना लम्बा गैप न रखा करो...
आदरनीय प्रदीप मानोरिया जी ,आपकी सभी रचनाये बेहद अच्छी व् किसी न किसी विषय को उठाती है सौभाग्य से पढने को मिल गयी ,आपने निवेदन है की एक मार्ग दर्शक के रूप में (एक प्रायस "बेटियां बचाने का ")ब्लॉग में जुड़ने का कष्ट करें
http://ekprayasbetiyanbachaneka.blogspot.com/
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