Monday, 1 September 2008

योग और उपचार

  • एक योग के स्थापित योगीराज /
  • नाम छाया है मीडिया में आज /
  • वास्तव में हैं वे इतने महान /
  • दे दी योग को भी व्यवसायिक पहचान /
  • योग की जीवनशैली बन गई चमत्कार /
  • बाबा नगद और डाक्टर उधार /
  • एक इंसुलिन निर्भर बाल मधुमेही /
  • इंसुलिन जिसके जीवन को जरूरी /
  • मां बाप ने सोचा इंसुलिन छुडवायें /
  • चलो बाबा के शिविर में हो आयें /
  • बाबा ने कहा इतने छोटे बच्चे को इंसुलिन लगाते हैं /
  • आपके डाक्टर विदेशी कंपनी से पैसा खाते हैं/
  • बाबा ने लगाई आवाज /
  • कौन कौन बैठा है आज /
  • जिसकी इंसुलिन छूट गई /
  • जिन्दगी बन गई नागफनी से जूही /
  • फटाफट उठ गये अनेकों हाथ /
  • केमरे और माइक तो थे ही वहां साथ /
  • मां बाप पर पडा भयानक प्रभाव /
  • डाक्टर को कोसा छोडी सब सलाह /
  • बाबा की सलाह पर की इंसुलिन विसर्जित /
  • श्रध्दा के साथ हुए पूर्ण समर्पित /
  • एक पक्षीय ज्ञान से बने ज्ञानधारी /
  • गुमराह करते हुए ये चमत्कारी /
  • खैर मां बाप बेटे को लेकर घर लौट आये /
  • तीन दिन भी चैन से नहीं रह पाये /
  • बेटा हुआ उल्टी दस्त से बेहाल /
  • लेकर पहुंचे फटाफट अस्पताल /
  • खून में बढ़ी शकर कीटोऐसीडोसिस हो गया /
  • कोशिश की बहुत बेटा जिन्दा न रहा /
  • इस घटना से ये आपसे गुजारिश है /
  • आपकी सावधानी मेरी ख्वाहिश है /
  • योग रहे जीवन में इतना तो जरूरी है /
  • बीमारी में डाक्टर की सलाह ही जरूरी है / रचना प्रदीप मानोरिया

9 comments:

प्रमोद said...

सही लिखा है आपने, योग की शक्ति को नकारा नहीं जा सकता पर इसके द्वारा चिकित्सा जगत की वास्तविकता को भी नकारा नहीं जा जाना चाहिए-
आज का दौर,
औद्योगीकरण का दौर,
ऐसे में भागे-
या न भागे रोग,
मत बनाइये योग-
को एक उद्योग.

प्रदीप मानोरिया said...

आज का दौर,
औद्योगीकरण का दौर,
ऐसे में भागे-
या न भागे रोग,
मत बनाइये योग-
को एक उद्योग
you are really expalined the thughts as i think
visit again plz

महेन्द्र मिश्र said...

bahut badhiya rachana prastut karne ke liye dhanyawad.

Smart Indian said...

मनोरिया जी, हमेशा की तरह यह भी आपकी एक बहुत ही अच्छी रचना है और हमेशा जैसे ही इसमें भी आपने अपना सामाजिक दायित्व निभाया है. आपने पतझड़ सावन वसंत बहार के बारे में पूछा था - सभी तय्यारियाँ पूरी हो चुकी हैं - प्रोजेक्ट संपन्न होने के काफी करीब है. इस महीने के अंत में प्रकाशन होने की आशा है.

Ashish said...

प्रदीप जी
आपके ब्लॉग पर आना सुखद अनुभव रहा। सही जगहों पर कटाक्ष करते हैं और सहज भाव बरकरार रहता है। बहुत खूब।

seema gupta said...

योग रहे जीवन में इतना तो जरूरी है /
बीमारी में डाक्टर की सलाह ही जरूरी है
"ya you are very right, every body should understand it, nice article"

Regards

amit said...

बहुत सहजता और बहुत तीक्ष्णता मज़ा आ गया
गोइल

Sushil Kumar Patial said...

Hi Pradeep Ji,
You are absolutely right. These days every 3rd person is suffering from some desease and the only medicine for these deseases is YOGA. Yoga is our heritage which citizens of India has forgotten but Baba Ramdev has revived it which is very very appraiswothy. I have been doing yogs since 1998 which keeps me away from various problems.
Thanks for making aware to ordinary masses about Yoga. It is really good effort.. Please keep it up...

Neelam said...

गुमराह करते हुए ये चमत्कारी / eska matlab samjhe nhi aaya???