राष्ट्र का गौरव बडा है या कि यह दुर्भाग्य है ।
ताज पहने आज भी बैठा हुआ धृतराष्ट्र है ॥
इटेलियन संजय हुई या गांधारी कौन है ।
इसके जबाब में जनता रही क्यों मौन है ॥
कृष्ण ने रक्षा करी थी द्रोपदी की लाज की ।कौन अब रक्षा करेगा ये द्रोपदी(*) जो आज की ॥
(*) द्रोपदी= जनता,देश
प्रदीप मानोरिया
ताज पहने आज भी बैठा हुआ धृतराष्ट्र है ॥
इटेलियन संजय हुई या गांधारी कौन है ।
इसके जबाब में जनता रही क्यों मौन है ॥
कृष्ण ने रक्षा करी थी द्रोपदी की लाज की ।कौन अब रक्षा करेगा ये द्रोपदी(*) जो आज की ॥
(*) द्रोपदी= जनता,देश
प्रदीप मानोरिया
5 comments:
good one.
shri krishn saral ki dharti se .
girija kumar mathur ki dharti se
ugta ek aur kavi. sadar naman
thanks alok ji
सुन्दर पंक्तियाँ, देश की वर्तमान स्थिती को बहुत कम शब्दों में आपने द्र्श्यांकित किया है..
धन्यवाद राजेन्द्र अवस्थी जी आप जैसे गुणी व्यक्तित्व का आशीष मेरे लिये बहुत बडी बात है
सुन्दर व्यंग
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