- फैशन की दुनिया में जबरदस्त कमाल है |
- अल्पता और लघुता से आया हुआ भूचाल है |
- पूर्व के आविष्कारों में स्कर्ट की लंबाई घटती गई |
- अब स्कर्ट ऊपर से टॉप नीचे से घट जाना है फैशन नई |
- low waist स्कर्ट या जीन्स show waist टॉप का नया फैशन है |
- उसकी मोबाइल से फोटोग्राफी लडकों का पेशन है |
- ऐसे नये फैशन से सुसज्जित कन्यायें |
- जब सायकिल रिक्शा पर बैठ कर जायें |
- पीछे चलने वाली मोटर साईकिल की गति मंद और ड्राइवर की ऑंखे फैल जाती हैं |
- इससे होती हैं सडक दुर्घटनायें और इसमें पेट्रोल की बर्बादी है |
- इस नई low waist और show waist फैशन से देश का नुकसान है |
- कपडों की मितव्वियता और पेट्रोल के अपव्यय से देश परेशान है |
Thursday, 22 January 2009
आज की फैशन
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22 comments:
bahut thik kaha aapne
सही कहा! ऐसा भी क्या फैशन.
क्या कहे !आपकी दृष्टि निराली है
सही कहा!
bahut hi steek baat kahi hai dukh hota hai ki aaj ki naari kis ore jaa rahi hai
येफैशन कहाँ जाकर खत्म होगा कल्पना से परे है /इस पर कटाक्ष करते कितना वक्त हो गया पर कोई असर नहीं /शायद आपको याद हो ,बहुत बहुत वर्ष पूर्व मनोज कुमार ने एक फ़िल्म में गाना गाया था ""ये फैशन बढ़ता बढ़ता गया और कपड़ा तन से घटता गया ""इसके बाद फिर क्या होगा /आज आपने फिर एक कविता लिखी ,क्या असर करेगी ? कोई भी कवि अपने युग की अवहेलना नहीं कर सकता ,इसलिए लिखा तो जायेगा ही ""हम कहे जाते है कोई सुन रहा हो या न हो "
कटु सत्य, लेकिन इस पीढ़ी को समझ में आये तब बात बने.
आपको क्या लगता है लो वेस्ट पहनने वालों को इसका पता नहीं है, पता सब कुछ है पर नए जमाने में यह नयी सोच है और यह उनका अपना व्यक्तिगत मसला है । जिसे बुरा लगता है वह न देखे और जिसे अच्छा लगता है वह बार बार देखे, और अपनी मोटर साइकिल रिक्शे से धीमी गति से रखे ।
naya jamana hai sir...kya kar sakte hain
इस नई low waist और show waist फैशन से देश का नुकसान है |
कपडों की मितव्वियता और पेट्रोल के अपव्यय से देश परेशान है |
प्रदीप जी बड़ी ही जोरदार बात कही आपने !!!
Ham Bhi Apni Mahila Mitron Ko Samjhaate Hain Ki Ya To Choote Kapde Pahno Mat Aur Agar Phno To Baar-Baar Unhe Kheenco Mat...Acha Likha Hai Aapne...
वाह वाह मनोरिया जी...................क्या चोट मारी है, जोर का झटका धीरे से mara है
भई वाह प्रदीप जी..... जय हो..
सत्य, जो हमेशा कड़वा होता है
फैशन के नाम पर.... शरीर के अंगों के प्रदर्शन को समाज कैसे बर्दाश्त कर रहा है?... आपने यहां वास्तविकता से ...याने कि कडवी सच्चाई से रुबरु कराया है।
pradeep ji!
bahut sahi aur sateek vyngy........
इस नई low waist और show waist फैशन से देश का नुकसान है |
कपडों की मितव्वियता और पेट्रोल के अपव्यय से देश परेशान है |
ye gyandayni panktiyan ve nahin padhate
jinke liye ham inhen gadhate .
shubh kamnaayen ........
खुले सत्य के दर्शन कराये . सही आप
हमारे देश की संस्कृति विदेश में बखानी जाती है... लेकिन यह कविता भी सच्चाई बयां कर रही है.... लगता है आदि मानव का जमाना फिर से लौटेगा.... हा हा हा.... सुंदर कविता
बाक़ी सब तो ठीक है प्रदीप जी
लेकिन जिसका फोटो लगाया है, नीचे साभार उसका उल्लेख तो करना था!
ख़ैर बहुत सटीक और शालीन व्यंग्य है, संस्कृति के विखंडन पर……
हार्दिक बधाई स्वीकारें।
बाक़ी सब तो ठीक है प्रदीप जी
लेकिन जिसका फोटो लगाया है, नीचे साभार उसका उल्लेख तो करना था!
ख़ैर बहुत सटीक और शालीन व्यंग्य है, संस्कृति के विखंडन पर……
हार्दिक बधाई स्वीकारें।
bahut sahihai sarkar..
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