हिन्दी काव्य मंच
गीत गज़ल कविता का गुलदस्ता
Friday, 5 November 2010
मंगलमय दीपावली
समर्थ दीपक ज्योति है चिर काल का हर ले तिमिर ।
हो उदित अब ज्ञान ज्योति हर सके जग का भंवर ॥
निर्वाण श्री प्रभु वीर का यह दे रहा संदेश है ।
समृद्ध हो निज ज्ञान वैभव लक्ष्मी बसी निज देश है ॥
मंगलमय दीपावली
==========
प्रदीप मानोरिया
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)